1911 की चीनी क्रान्ति 


चीन में राष्ट्रवाद का उदय और 1911 की चीनी क्रांति के कारण-
19 वीं सदी अंत तक मंचू राजवंश के प्रति असंतोष व्याप्त हो गया। क्योंकि इसकी वजह से चीन व जापान युद्ध में चीन की हार व बॉक्सर विद्रोह के अवसर पर चीन को अन्य राज्यों के समक्ष झुकना पड़ा।
1911 की चीनी क्रांति टाइपिंग तथा बॉक्सर विद्रोह की परिणति इस क्रांति में हुई।
आर्थिक कारण- 1911 में बाढ़ की स्थिति होना।
 समाचार पत्रों की भूमिका -
 क्रांतिकारी दल का संगठन - डॉक्टर सयनात सेन के नेतृत्व में तुंग मेंग पार्टी सबसे प्रभावकारी एवं संगठित हुई।  मंचू राजवंश का अंत व चीन में गणराज्य की स्थापना हुई।
तत्कालीन कारण -
क्रांति का प्रारंभ 10 अक्टूबर 1911 को हेंको से हुआ। दक्षिणी लोकतंत्र की राजधानी नानकिंग में युवान सी काई तथा लोकतंत्रिय नेता ली युवान हंग के बीच समझौता वार्ता हुई जिसका 12 फरवरी 1912 को समझौता हुआ।
सैनातसेन ने प्रधान मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया।
युवान शी काई लोकतंत्रीय चीनी का प्रथम राष्ट्रपति बना। 1913 में युवान सी काई ने पैनिंग की सरकार पर एकाधिकार कर 4 नवंबर 1913 को उसने कॉमितांग दल को गैरकानूनी घोषित कर दिया।
युवान की मृत्यु 1916 में हुई और चीन में अराजकता की पुनः शुरुआत हुई।
1916 में कौमीतांग के उत्कर्ष का प्रारंभ हुआ व दक्षिणी चीन के विविध प्रदेशों ने उसका साथ दिया।
 1921 में डॉक्टर सयनात सेन को कैंटन की सरकार का राष्ट्रपति निर्वाचित किया गया।
चीनी क्रांति का महत्व-
300 वर्षों से च ले आ रहे मंचू राजवंश का अंत। 2. चीन में गणराज्य की स्थापना। 3. बीसवीं शताब्दी में पहली बार गणतांत्रिक सरकार की स्थापना हुई।